Tuesday, February 21, 2012

एक महल हो सपनो का सा



एक महल हो सपनो का सा,

एक घरोंदा अपनों का सा |

उसमे हो मेरी माँ की ममता,

साथ में हो पापा का प्यार
पापा की डांट से माँ बचाए,

जब भी पापा को गुस्सा आये
शाम को पापा जब घर आये,
साथ में अपने चोकलेट लाये,
चोकलेट से वो प्यार जताए,
दिन का गुस्सा फुर्र हो जाये ||

एक महल हो सपनो का सा,
एक घरोंदा अपनों का सा |

उसमे हो मेरी प्यारी बहना,
साथ में हो उसका वो खिलौना,
बहना को जब गुस्सा आये,
मुझको चिढाकर वो भाग जाये,
फिर उसको मम्मी बचाए,
और फिर माँ हमे गले से लगाये ||


एक महल हो सपनो का सा,

एक घरोंदा अपनों का सा |

उसमे हो भैया का सहारा,
भैया करे मुझे लाड ढेर सारा,
जब भी मैं कोई गलती करू तो,
भैया मुझे पापा से बचाए,
और बाद में मुझे खुद डांट लगाये ||

एक महल हो सपनो का सा,
एक घरोंदा अपनों का सा |


उसमे हो दादा जी का भरोसा, 
साथ में दादी माँ का दुलार,
दादाजी के संग हम घूमने जाये,
और ढेर सारी आइसक्रीम खाए,
और दादी माँ को पता लग जाये,
फिर साथ में हम उनकी डांट भी खाएं ||

एक महल हो सपनो का सा,
एक घरोंदा अपनों का सा...
एक महल हो सपनो का सा..........