Friday, June 10, 2011

दोस्ती

एक दिन प्यार और दोस्ती मिले,
प्यार ने दोस्ती से पूछा-
मेरे होते हुए तुम्हारा यहां क्या काम है?
दोस्ती बोली- मैं उन होंठों पे मुस्कान लाती
हूं जिन पें तुम आंसू दे जाते हो।
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जो पल-पल चलती रहे- जिन्दगी
जो हर-पल जलती रहे- रोशनी
जो पल-पल खिलती रहे- मोहब्बत
जो किसी पल साथ न छोडे- दोस्ती।
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दोस्ती नाम है जिन्दगी का,
शुरू विश्वास से होती है
इससे बढकर कोई नाता नहीं,
खत्म आखिरी सांस पे होती है।
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नजर तुम्हारी, नजर हमारी,
नजर ने दिल की नजर उतारी
नजर ने देखा नजर को ऐसे कि
नजर दोस्ती को लगे ना हमारी।

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